मोहे कांकर पाथर कर दीजो.....
तू पंछी मत बनईयो
मोहे गहरा सागर कर दीनो
तू लहरे मत दिखईयो ...
मोहे सूरज आग बना दीजो
तू चंदा मत बनईयो
मोहे सूखी रोटी जलने दीजो
तू माखन मत चुपरैयो ॥
मोहे भटकन देना दर दर पर..
कोई पाहन मत ठहरईयो
भ्रमर !! तिस्कार दियो तू नैनन से
मोहे प्रेम रंग न छलियो॥
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
fantabulous ... pehlee barr hua haui mere sath ki comment diye bina ruka nahi gaya ..
Post a Comment