Saturday, May 01, 2010

मूर्ख विज्ञान




एक विज्ञान की
किताब में
पढा ।

हम सब
एक ही हैं
गोरिल्ला चिप्पैंजी
ओरंग, उटांग
के वंशज ॥

उसमें यह
भी कहा गया
कि
काकेशायड
मंगोलायड
या निग्रोयाय़ड
एक ही हैं

कोई समान तो
कोई संकर बीजों की
उत्पति !!
यह तो प्रकृति है
कि कोई गोरा हो गया
तो कोई काला...

संवेदना ,भावुकता, ममता ,खुशी और आंसू
एक ही है ।

मूर्ख है ये सब विज्ञानी
पूर्व जन्म के पाप नहीं समझते ॥